राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तबियत पिछले कई दिनों से ठीक नहीं है, बता दे लालू प्रसाद रविवार को अपने घर में सीढ़ियों से गिर गए थे, इस वजह से उनके कंधे में फ्रैक्चर हो गया था और उनकी पीठ में चोट भी आई थी। बता दे पिछले ही महीने की 11 तारीख को लालू प्रसाद, 74 साल के हुए थे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू अपनी पत्नी राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर रह रहे थे, चोट लगने के बाद ही लालू यादव पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराये गए थे।
ज्ञात है रांची में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने पिछले कुछ सालों में चारा घोटाले के कई मामलों में राजद सुप्रीमो को दोषी करार दिया है। फिलहाल उन्हें कुछ महीने पहले जमानत पर रिहा किया गया था। लालू प्रसाद यादव के बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट किया है – ”मेरे पापा, मेरे हीरो, मेरी रीढ़, जल्द ठीक हो जाओ।
वही राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मंगलवार को तेजस्वी यादव से बात की और राजद सुप्रीमो के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने राजद प्रमुख के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना के पारस अस्पताल में लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए पहुंचे थे, उन्होंने लालू यादव की तबियत के बारे में जानकारी लेने के बाद पत्रकारों से कहा था कि ”लालू यादव दिल्ली जाएंगे और वहां उनके सभी तरह के टेस्ट कराए जाएंगे। वे भगवान से प्रार्थना है कि वे जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाएं।”
और फिर बीती रात लालू प्रसाद यादव एयर एंबुलेंस से पटना से दिल्ली लाया गया और दिल्ली के AIIMS में बुधवार की रात करीब 9:35 के लगभग भर्ती कराया गया है। दिल्ली पहुंचने के बाद लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने बताया है, कि लालू यादव का शरीर लॉक हो गया है। उनकी बॉडी में मूवमेंट नहीं हो पा रहा है। तेजस्वी ने बताया कि राबड़ी आवास में सीढ़ी से गिरने के बाद लालू यादव की शरीर में तीन जगह फैक्चर हुआ है। जिसके बाद उनकी बॉडी लॉक हो चुकी है, उनकी बॉडी में मूवमेंट नहीं है।
वही समर्थकों को दिए संदेश में राबड़ी देवी ने कहा, “ चिंता मत कीजिए, उनका इलाज किया जा रहा है और वह स्वस्थ हो जाएंगे। और सब उनके लिए प्रार्थना करें कि वह जल्द स्वस्थ हों।” जिसके बाद लालू प्रसाद यादव के पार्टी कार्यकर्त्ता और परिवार के लोग मंदिर में पूजा अचना करते दिखाई दिए, वही कुछ लोगों ने उनके शीघ्र ठीक होने के लिए मज़ार पर चादर भी चढ़ाई।