केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें सिंगल-यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की सलाह दी गई थी। कहा गया था की कि इससे ‘स्वच्छ और हरित’ पर्यावरण को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। सरकार के अनुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार 4,704 में से 2,591 शहरी स्थानीय निकायों ने सिंगल-यूज प्लास्टिक को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था, और आज यानी 1 जुलाई से प्लास्टिक की बर्बादी को कम करने के लिए केंद्र द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध आज से लागू कर दिया गया है।
राज्य सरकारों ने एक अभियान शुरू किया जिसमे सरकार ऐसी वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल करेंगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं।
जिसके बाद देश भर में व्यापारियों ने अपनी दुकानों पर प्लास्टिक थैलियों के बजाय कागज ,जूट और कपड़े के थैले और थैलियों में सामान देना शुरू कर दिया। इसे लेकर व्यापारियों के संगठन कन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने से देश भर के व्यापारियों को सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध के आदेशों के नियमों का पालन करने और सिंगल यूज प्लास्टिक को किसी भी स्थिति में उपयोग न करने को लेकर एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है जिसे 31 जुलाई तक चलाया जायेगा।
आज से राज्य में सभी प्रकार के प्लास्टिक बैग पर बैन लग गया है। इसके साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक, शीट, पैकेजिंग सामिग्री, कैरी बैग, थर्मोकोल और उससे उत्पादित कप, प्लेट, ग्लास, कांटा चम्मच, कटोरी आदि की बिक्री पर बैन लग गया है। वही बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन आदेश को कड़ाई से लागू करने को कहा है।
यही बैन के बावजूद भी अगर कोई सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हुए पाया जायेगा, तो 500 से 2000 रूपये का जुर्माना उसे देना पड़ेगा, वहीं औद्योगिक स्तर पर इस्तेमाल किये जाने पर 20 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा या 5 साल की जेल या दोनों की सजा हो सकती है।