न्यूयॉर्क में मंगलवार को ब्रिटेन की घिसलेन मैक्सवेल (Ghislaine Maxwell) को 20 साल की जेल की सजा सुनाई है। बदनाम होने के बाद आत्महत्या करने वाले जेफ्री एपस्टीन (Jeffrey Epstein) को लड़कियों का यौन शोषण करने में मदद देने के लिए उन्हें यह सज़ा सुनाई गई है। 60 साल की पूर्व सोशलाइट अब अपनी बाकी ज़िंदगी जेल में गुजारेगी। ऑक्सफोर्ड में पढ़ी और नामी ब्रिटिश पत्रकार रॉबर्ट मैक्सवेल की बेटी को 6 में से 5 मामलों में दोषी ठहराया गया था, इनमें से ज्यादातर कम उम्र के बच्चों की तस्करी से जुड़े थे।
उनके वकीलों ने कहा कि घिसलेन मैक्सवेल का बचपन प्रताड़ित रहा था, इस कारण उनके साथ उदारता बरती जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि मैक्वेल को अन्यायपूर्ण तरीके से सजा दी जा रही है क्योंकि एप्स्टीन मुकदमे से भाग गए.
उन्होंने कहा था कि घिसलेन मैक्सवेल को अधिकतम पांच साल की सजा दी जानी चाहिए जबकि मुकदमा करने वालों ने कम से कम 30 से 35 साल की जेल की मांग की थी। आखिर में जज एलिसन नेथन ने घिसलेन को 20 साल की सजा दी। यह अमेरिकी प्रोबेशन ऑफिस की तरफ से प्रस्तावित था।
2021 में साबित हुआ था अपराध
2021 के आखिर में मैक्सवेल के हाई-प्रोफाइल मुकदमे के दौरान पीड़ित पक्ष के वकीलों ने सफलतापूर्वक साबित कर दिया था कि वो एप्स्टीन की योजना की प्रमुख धुरी थीं। इसमें युवा लड़कियों से एप्स्टीन को मसाज देने को बढ़ावा दिया जाता और उस दौरान एप्स्टीन उनका यौन शोषण करता।
एप्स्टीन की पीड़ित लड़कियों में से दो जेन और कैरोलिन ने यह गवाही दी थी कि वो 14 साल की थीं जब मैक्सवेल ने उन्हें तैयार करना शुरू किया। मैक्सवेल के वकीलों ने कहा कि उनके क्लाइंट का बचपन, मुश्किल और आघात से भरा था क्योंकि वह अपने आत्ममुग्ध और अत्यधिक अपेक्षाएं रखने वाले पिता से तंग आ चुकी थीं। इसकी वजह से वो अपने पिता की मौत के बाद आसानी से एप्स्टीन की चपेट में आ गईं।”
धन प्रबंधन एपस्टीन ने 2019 में जेल में 66 साल की उम्र में खुद को मार लिया था जब न्यूयॉर्क में उनके यौन अपराधों की सुनवाई होने वाली थी। घिसलेन मैक्सवेल के वकील ने कहा, ” मिस मैक्सवेल को एपस्टीन के अपराधों की सारी सजा नहीं मिलनी चाहिए जिसके लिए एपस्टीन जिम्मेदार था।”
पीड़ित पक्ष के वकीलों का कहना था कि मैक्सवेल ने एक व्यस्क के तौर पर अपने निर्णय लिए। साथ ही 1994 से 2004 के बीच किए गए अपराधों के लिए उन्होंने कोई दुख नहीं था। घिसलेन के सामाजिक घेरे में ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रू, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रीयल एस्टेट कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप और क्लिंटल परिवार भी शामिल था। फरवरी में प्रिंस एंड्रू ने वर्जीनिया जेफ्री के साथ एक मुकदमा सुलझाया था, जिसने कहा था कि उसे शाही परिवार के पास एपस्टीन और मैक्सवेल लेकर गए थे। मैक्सवेल और एपस्टीन पर आरोप लगाने वाली साराह रैनसम ने पत्रकारों से अदालत के बाहर कहा, ” घिसलेन को जेल में ही मर जाना चाहिए।”