दिल्ली के मोहम्मदपुर इलाके में पुराने हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद खलबली मच गई। यह बम निगम पार्षद भगत सिंह टोकस के निवास के ठीक बगल में मिला है भगत सिंह टोकस इस घटना के बाद आरोप लगाया है कि वह मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलने कर माधवपुरम रखने के लिए काफी दिनों से प्रयास कर रहे हैं जिसके कारण उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। हैंड ग्रेनेड बम को डिफ्यूज करने के लिए एनएसजी की टीम आधी रात को मोहम्मदपुर इलाके में पहुंचे। एनएसजी की टीम यहां अपने पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची है । एनएसजी द्वारा ऐसे बम को डिफ्यूज करने के लिए एक ऑटोमेटिक बम डिफ्यूज व्हीकल का इस्तेमाल किया जाता है।
मोहम्मदपर इलाके में इस बम को डिफ्यूज करने के लिए एनएसजी आधी रात को बम डिफ्यूज करने वाली इस ऑटोमेटिक गाड़ी को यहां पर ले कर आई है। यह गाड़ी रिमोट द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से चलता है। यह बम को पहले पहचान करता है उसके बाद यह बम को उठाकर इसी वैन के अंदर डाल लेता है। बम स्क्वायड वाली यह गाड़ी अपने आप में बेहद मजबूत होती है । अगर दुर्भाग्यवश हैंड ग्रेनेड ब्लास्ट भी करेगा तो यह गाड़ी इतनी मजबूत होती है कि उसका सारा असर इस वैन के अंदर ही खत्म हो जाता है।