सोमवार को मशहूर सिंगर भूपिंदर सिंह का निधन हो गया। गायक भूपिंदर सिंह 82 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए। भूपिंदर सिंह का जाना म्यूजिक जगत के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने मौसम, सत्ते पे सत्ता, आहिस्ता आहिस्ता, दूरियां और हकीकत संग कई फिल्मों के गानों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। लेकिन आज ये चमकता सितारा हमेशा के लिए सो गया है।
भूपिंदर सिंह का जादू
‘दिल ढूंढता है फिर वही फुरसत के रात दिन’ गायक भूपिंदर सिंह ने संगीत की दुनिया में अपनी सत्ता लगातार बनाए रखी। अपनी आवाज से मखमली एहसास पैदा करने वाले गायक भूपिंदर सिंह का जादू हमेशा सिर चढ़ कर बोलता रहेगा। हालांकि बचपन में भूपिंदर सिंह को सख्त मिजाज गुरु और अपने पिता नत्था सिंह के कठोर अनुशासन की वजह से संगीत से चिढ़ भी होने लगी थी। लेकिन बाद में उनको संगीत से ऐसा लगाव हुआ कि सांसों में एहसासों की खुशबू इस कदर घुल गई की उनकी आवाज का असर सदियों तक रहेगा।
भूपिंदर सिंह का जन्म 6 फरवरी 1940 को पंजाब में अमृतसर में हुआ था। भूपिंदर सिंह के परिवार में पत्नी मिताली सिंह और बेटा अमनदीप सिंह हैं। संगीतकार और गायक नत्था सिंह ने उनको गाने और गिटार बजाने की तालीम बचपन से ही देनी शुरू कर दी थी। लेकिन फिल्मी दुनिया में पहला ब्रेक 1964 में मशहूर संगीतकार मदनमोहन ने दिया। इसके बाद भूपिंदर सिंह फिल्म इंडस्ट्री में छा गए।
फिल्मों के साथ-साथ गजलों को भी उन्होंने रंगमंच पर नई ऊंचाई दी। 1962 के भारत चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म हकीकत के गीत ‘हो के मजबूर मुझे उसने बुलाया होगा…’ इस गाने में अपनी भावुक आवाज का जादू जगाने के बाद तो भूपिंदर सिंह सिनेमा की नगरी में जम गए। दरअसल, संगीतकार मदन मोहन ने एक संगीत समारोह में भूपिंदर सिंह को गाते देखा तो बस उनकी आवाज और अंदाज पर ऐसे फिदा हुए कि उनको अपनी अगली फिल्म में काम देने की ठान ली।
भूपिंदर सिंह की शादी 1984 में गायिका मिताली मुखर्जी से हुई थी। गायन और गिटार बजाने में माहिर भूपिंदर सिंह और मिताली की जोड़ी ने फिल्म संगीत और गजलों की दुनिया में खूब धूम मचाई। गुलमोहर, शबनम, अर्ज किया है, दूरियां, तेरा प्यार, चांद परोसा है जैसे म्यूजिक एल्बम्स के अलावा फिल्म सत्ते पे सत्ता, दीवार, ज्वेल थीफ, मौसम, एक बार फिर जैसी यादगार फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। आज पूरा देश भूपिंदर सिंह को नम आंखों से याद कर रहा है।
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Yasmin