राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बीते रविवार, होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बयान दिया। यशवंत सिन्हा ने दरसल राष्ट्रपति पद की दूसरी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू पर भी अपनी बात कही, सिन्हा ने कहा की राष्ट्रपति चुनाव व्यक्तिगत मुकाबले से कहीं अधिक है और सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है, साथ ही राजग द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के लिए की आदिवासी चेहरा नेता द्रौपदी मुर्मू को मुकाबले में उतारने को लेकर सिन्हा ने कहा कि एक व्यक्ति को ऊपर उठाने से पूरे समुदाय का उत्थान नहीं होता है। आगे उन्होंने कहा की ‘सार्वजनिक जीवन के अपने लंबे अनुभव से, मैं कह सकता हूं कि एक व्यक्ति का उत्थान पूरे समुदाय को आगे नहीं बढ़ाता है।
सिन्हा ने अपने बेटे एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जयंत सिन्हा का, समर्थन नहीं मिलने को लेकर कहा की, वो किसी ‘धर्म संकट’ में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा अपने ‘राज धर्म’ का पालन करेगा और मैं अपने ‘राष्ट्र धर्म’ का पालन करूंगा।’
बता दें अगले राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है, विपक्ष ने अपनी ओर से यशवंत सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारा है वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है, द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून को नामांकन दाखिल किया था, और यशवंत सिन्हा आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे। आज नामांकन में शरद पवार, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी समेत विपक्षी पार्टियों के अन्य नेता शामिल होंगे। इनके अलावा टीआरएस पार्टी के नेता भी शामिल रहेंगे।
नामांकन से पहले यशवंत सिन्हा ने रविवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि अगर वह राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं तो वह राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को तत्काल समाप्त कर देंगे। साथ ही सुनिश्चित करेंगे कि न्याय और निष्पक्षता बनी रहे।