पंजाब के पटियाला में आज खुलेआम खालिस्तान समर्थन नारे लगे। इसी दौरान शिवसेना कार्यकर्ता और खालिस्तानी समर्थकों के बीच जबरदस्त झड़प भी देखने को मिली। खुलेआम तलवारें लहराई गईं और पत्थरबाजी हुई. जिसके बाद से पूरे पटियाला शहर में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं.
पटियाला – काली माता मंदिर के पास भिड़े शिवसेना और खालिस्तानी समर्थक, पुलिस बल तैनात#Patiala @CMOPb @BhagwantMann #Punjab https://t.co/j0sqrcBkSd pic.twitter.com/LgH327AOPW
— Gaurav Singh (@gauravsingh1307) April 29, 2022
जानकारी के मुताबिक, पटियाला में आज शिवसेना कार्यकर्ताओं ने खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकाला। इसी दौरान कई सिख संगठन और हिंदू कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए, जिसके बाद पुलिस को पूरे मामले को सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस दौरान दोनों तरफ से तलवारें लहराई गईं और पथराव किया गया वहीं खालिस्तान समर्थन के भी नारे लगे।
बताया जा रहा है कि शिवसेना ने एक दिन पहले खालिस्तान के खिलाफ मार्च निकालने की घोषणा थी, इसलिए पुलिस पहले से ही मुस्तैद हो गई थी. पुलिस ने अनहोनी की आशंका के मद्देनजर शिवसैनिकों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी थी. जब दोनों संगठन के लोगों की झड़प शुरू हुई तो पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लोगों को खदेड़ दिया.
क्यों हुआ विवाद?
भारत में बैन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 29 अप्रैल को पंजाब के सभी सरकारी बिल्डिंगों पर खालिस्तान का झंडा फहराने की घोषणा की थी. इतना ही नहीं झंडा फहराकर वीडियो भेजने वालों एक लाख डॉलर तक का इनाम देने की भी ऐलान किया था. इसी के चलते पटियाला में शिवसेना के पंजाब कार्यकारी प्रधान हरिश सिंगला की देखरेख में आर्य समाज चौक से खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च शुरू हुआ. शिव सैनिक कार्यकर्ता खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बढ़ रहे थे. हरीश सिंगला ने कहा कि शिवसेना कभी भी पंजाब में खालिस्तान नहीं बनने देगी और ना ही किसी खालिस्तान का नाम लेने देगी. इसी दौरान कुछ सिख संगठन भी तलवारें लहराते हुए सड़क पर आ गए और दोनों ओर से स्थिति तनावपूर्ण बन गई.