हटा दिए गए या बदल दिए गए। सीबीएसई के बच्चे एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ते हैं, इसलिए सारे बदलाव इन्हीं पुस्तकों में की गई हैं। इन बदलावों पर शिक्षा जगत की राय बंटी हुई है।
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने नए शैक्षिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम की घोषणा कर दी है। अपने नए सिलेबस में सीबीएससी ने कक्षा 10 की समाज विज्ञान की पुस्तक से पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की शायरी और 11वीं की इतिहास पुस्तक से इस्लाम की स्थापना, उसके उदय और विस्तार की कहानी को हटा दिया गया है। इसी तरह, 12वीं की किताब से मुगल साम्राज्य के शासन-प्रशासन पर एक अध्याय में बदलाव किया गया है। सिलेबस में इन बदलावों पर शिक्षक समुदाय की राय बंटी हुई है। कोई विद्यार्थियों के फायदे में बता रहा है तो किसी का मानना है कि इससे स्टूडेंट्स बहुत सी महत्वपूर्ण बातें जानने से महरूम हो जाएंगे। वहीं, कोशिशों के बावजूद प्रतिक्रिया के लिए सीबीएसई के सीनियर ऑफिसरों से संपर्क नहीं साधा जा सका।
बच्चों के लिहाज से फायदेमंद या फिर उनका नुकसान?
द इंडियन स्कूल के शिक्षक कानू शर्मा कहते हैं, ‘केंद्रीय इस्लामी भूमि जैसे अध्याय को हटा देने से एक दिलचस्प हिस्से को छोड़ दिया गया है। इसमें एक धर्म के रूप में इस्लाम की स्थापना, सूफीवाद, पैगंबर आदि के बारे में जानकारी दी गई थी। इसकी जगह पर खानाबदोश साम्राज्य का अध्याय जोड़ा गया है जिसमें गेंघिस खान को एक शख्सियत और शासक के रूप में दिखाया गया है। यह अध्याय विद्यार्थियों के लिए बोझ बन सकता है।’ वहीं, ईवरग्रीन पब्लिक स्कूल की शिक्षक पायल गुप्ता कहती हैं कि बच्चों को हर चीज की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘संभवतः बोर्ड बच्चों पर से बोझ कम करना चाहता है, इस कारण कुछ अध्याय हटाए गए हैं। जो चैप्टर इस सत्र में जोड़े गए हैं, वो विद्यार्थियों के लिहाज से आसान होंगे।’