दिल्ली की तीनों नगर निगमों का एकीकरण करने लाया गया दिल्ली नगर निगम अधिनियम (संशोधन) 2022 को राष्ट्रपति (President) रामनाथ कोविन्द द्वारा मंजूरी दे दी गई है। अब दिल्ली की तीनों निगमों को नार्थ, साउथ और ईस्ट नहीं बल्कि दिल्ली नगर निगम कहा जायेगा। बता दें कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे अब केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय की सेक्रेटरी डॉ. रीता वशिष्ठ की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी कर अधिसूचित भी कर दिया गया है. अधिसूचना के जारी होते ही दिल्ली नगर निगम के संभावित चुनावों पर फिलहाल ब्रेक लग गया है.
2011 में हुआ था निगम विभाजन
वर्ष 2011 में दिल्ली विधानसभा ने दिल्ली नगर निगम को तीन निगम में विभाजित किया था जिसमें पूर्वी और उत्तरी के साथ दक्षिणी निगम बनाया गया था। दस साल 18 दिन बाद अब निगम अपने पुराने स्वरूप में होगा। । पिछले तीन सालों से निगम संयोजकों और सचिवों द्वारा इनके एकीकरण के लिए केंद्र सरकार को कई ज्ञापन सौंपे गए। अब केंद्र सरकार द्वारा निगम के एक होने पर निगम कर्मचारियों और अधिकारियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे तीनों नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की समस्या का समाधान होगा, अब निगम के पास ज्यादा शक्ति होगी तो कर्मचारियों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। तीन अलग अलग निगम होने के कारण जो अतिरिक्त खर्चा हो रहा था वह भी बचेगा। साथ ही वेतन और पेंशन देरी से मिलने की समस्या खत्म होगी। हमने छह-छह माह देरी से वेतन आने के हालात को देखा है। आलम यह हो गया था कि कोई बैंक निगम कर्मियों को लोन देने के लिए तैयार नहीं था।
कब होंगे नगर निगम चुनाव?
इस विषय पर जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस विधेयक के कानून रूप में आने पर अब दिल्ली की तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए डीलिमिटेशन की प्रक्रिया की जाएगी। डीलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत दिल्ली नगर निगम के चुनाव होंगे। चुनाव के बाद नए कानून के तहत तीन की बजाय एक महापौर और तीन निगमायुक्त की बजाय एक निगमायुक्त ही होगा।
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