कांग्रेस पार्टी के भीतर मची अफरा तफरी अब जग जाहिर हो गई है। साल 2020 में कांग्रेस के G – 23 नेताओं ने कांग्रेस हाईकमान को पार्टी में नेतृत्वहीनता को लेकर चिट्ठी लिखी तो वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया। राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तनातनी दिखी मगर कांग्रेस आलाकमान बस गहलोत के पक्ष में दिखी। पंजाब में जब सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर में ठनी तो पार्टी मुखिया ने अमरिंदर से सीएम की कुर्सी ही छीन ली, नतीजा ये हुआ कि पार्टी के वरिष्ठ नेता लीडरशिप से निराश दिखने लगे तो वहीं युवा नेताओं में असुरक्षा घर कर गई है। हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कहीं टक्कर में भी नहीं दिखी, नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस में एक बार फिर पार्टी नेतृत्व बदलने की मांग उठने लगी लेकिन मोहर फिर भी सोनिया गांधी के नाम पर ही लगी.. पर आखिर कब तक….??
तेलंगाना में पार्टी अध्यक्ष से खफा नेता
कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व हीनता और नाराजगी सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य राज्यों में भी दिख रही है। दरअसल, तेलंगाना में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसे लेकर अब कांग्रेस पार्टी कोई चूक नहीं करना चाहती लेकिन तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के काम करने के तरीके से तेलंगाना के नेता नाराज चल रहे हैं जिस वजह से कांग्रेस में संकट गहराता जा रहा है। इसी को लेकर राहुल गांधी ने राज्य के कांग्रेस नेताओं का साथ बैठक की और इस परेशानी से निपटने के लिए नई व्यवस्था तैयार करने का फैसला किया। राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से एकजुट होकर काम करने लिए कहा था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के करीब 30 नेताओं और राहुल गांधी के बीच हुई मैराथन मीटिंग के बाद केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से रेड्डी का विरोध करने वाले नेताओं की परेशानियां सुनने के लिए तंत्र स्थापित करने का आश्वासन दिया गया और एक समिति गठित करने की बात पर भी विचार हुआ।
फैज़ल पटेल ने ट्वीट कर चेताया
राहुल गांधी तेलंगाना के नेताओं के संग विमर्श करके उठे ही थे कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के बेटे फैज़ल पटेल ने एक ट्वीट करके पार्टी नेतृत्व को लेकर निराशा जाहिर कर दी। अपने ट्वीट में फैज़ल ने जहाँ पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किये तो वहीं साथ ही साथ उन्हें ये कह कर चेतावनी भी दे दी कि उनके सामने अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं। अपने ट्वीट में फैज़ल ने लिखा – ‘इंतजार करके थक गया हूं. टॉप लीडरशिप से कोई प्रोत्साहन नहीं मिला है. अपनी तरफ से सभी ऑप्शन खुले रखे हैं.’
आपको बता दें कि फैज़ल के पिता अहमद पटेल पार्टी में एक बहुत बड़ा स्थान रखते थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनके अच्छे सम्बन्ध सभी जानते हैं, इस लिहाज से समझा जा सकता है कि पार्टी में फैज़ल का स्थान और फैज़ल के लिए पार्टी का महत्त्व कितना होगा लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी के मजबूत नेताओं का पार्टी से भरोसा उठना कांग्रेस के लिए बड़ी समस्या है जिसका समाधान उसे जल्द से जल्द खोजना होगा अन्यथा कांग्रेस पार्टी अपनी बची कुची साख भी खो देगी।