हाल ही में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने 32 सालों से दबे कश्मीरी पंडितों के दर्द को उजागर कर दिया है। फिल्म ने इस विवाद के साथ साथ देश के शासन और प्रशासन की भी सच्चाई खोल दी है। देश की जनता सवाल कर रही है कि देश के एक भाग में इतना जुल्म होता रहा तो सरकार कैसे हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। फिल्म का प्रभाव इतना व्यापक है कि माना जा रहा है कि जल्द ही कश्मीर में पंडितों के नरसंहार के दोषी बिट्टा कराटे और यासीन मालिक के खिलाफ दर्ज केस भी जल्द खुल सकते हैं।
जनता के मन में सवाल है कि कश्मीरियों के हत्यारे बिट्टा कराटे ने जब सरेआम अपने जुर्म क़ुबूल किये तो सरकार इतनी बेबस कैसे रही कि उन्हें अब तक सजा ए मौत नहीं मिली। विवाद के बढ़ने का ही नतीजा है कि अब जल्द ही यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केस फिर खोले जा सकते हैं. यह संकेत जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने दिए हैं. दिलबाग सिंह ने कहा है कि हम जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ दर्ज मामलों में जांच करेंगे. किसी भी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा.
जम्मू कश्मीर में हत्याओं के आरोपी रहे यासीन मलिक और बिट्टा कराटे हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) की रिलीज के बाद से ही चर्चा में